एक सपना था

Ek-sapna-tha

सपने तो बहुत से देखे थे मैंने, आज भी देखता हूँ, कुछ अच्छे, कुछ बुरे, और कुछ ऐसे जो याद भी नहीं। कुछ सपने सच न हो जाएं ये भय भी सताता है, कुछ सपने सच क्यूं न हुए ये ग़म भी रुलाता है। आखिर देखा ही क्या था मैंने, बस छोटी सी चाह ही … Read more